मध्य प्रदेश और कर्नाटक के बाद राजस्थान की कांग्रेस सरकार भी बगावत की बलि चढ़ जाएगी!
एजेंसियां: मध्यप्रदेश में जिस तरह कांग्रेस की नव निर्वाचित सरकार शपथ लेने के चंद महीनों के बाद ही कांग्रेसियों के अंदरूनी कला और गुटबाजी की भेंट चढ़ गई। उस वक्त के मुख्य किरदार ज्योति राजे सिंधिया थे जो फिलहाल भारतीय जनता पार्टी में हैं। वही दूसरी ओर लगभग दो साल पहले राजस्थान में सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार राज्यसभा चुनाव के बाद अब असुरक्षित नजर आ रहे हैं। सोमवार को इसका फैसला हो जाने की उम्मीद है। इसका वजह यह बताया जा रहा है कि बगावती तेवर वाले राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने साथ 30 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं साथ ही कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों के भी समर्थन का उन्होंने दावा किया है।वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत अपने साथ 109 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे हैं।ऐसे में यदि सचिन का दावा सही निकलता है तो सरकार का अल्पमत में आना स्वभाविक है। इधर खबर यह है कि सचिन पायलट को मनाने का प्रयास पार्टी आलाकमान के द्वारा किया गया लेकिन सचिन पायलट किसी को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण गहलोत सरकार अब संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को दिनभर जयपुर से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस की गतिविधियां तेज रहीं। गहलोत की दिन में कई बार राष्ट्रीय संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ नेता अहमद पटेल व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडे से बात हुई। गहलोत से बात होने के बाद पांडे ने पायलट से भी संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो सकी। इधर खबर यह भी है कि पार्टी विधायक दल की बैठक में भी सचिन पायलट ने जाने से इनकार कर दिया है।
दूसरी ओर पायलट की नाराजगी को गंभीरता से लेते हुए हाईकमान तीन वरिष्ठ नेताओं रणदीप सुरजेवाला अजय माकन और प्रभारी महासचिव अविनाश पांडेय को बतौर पर्यवेक्षक जयपुर भेज दिया है।
Read More: http://jharkhandvarta.com/?p=13245
Comments
Post a Comment